पटना: इसी साल मई महीने में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था कि नीतीश कुमार का मेमोरी लॉस हो गया है। उन्होंने व्यंग्य कसा कि नीतीश बाबू आप बूढ़े हो गए हैं। अब आपकी याददाश्त भी जाने लगी है। हालांकि आपसे अधिक बूढ़े और लोग भी हैं, लेकिन उनकी याददाश्त कमजोर नहीं हुई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि नीतीश ने जॉर्ज फर्नांडीस के साथ जो पाप किया है, उनकी आत्मा अब नीतीश में घुस गई है। सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर यह टिप्पणी तब की थी, जब आरसीपी सिंह ने बीजेपी का झंडा थामा था। कहने के लिए तो यह सियासी तंज है, लेकिन पिछली कुछ घटनाओं पर गौर करें तो इसमें कुछ सच्चाई भी नजर आएगी।
चंद्रयान-3 की लांचिंग से अनजान थे नीतीश
हाल ही में हुए चंद्रयान-3 की लांचिंग के बारे में नीतीश को मालूम नहीं था। उनसे पत्रकारों ने जब इसके बारे में प्रतिक्रिया चाही तो नीतीश बगलें झांकने लगे। पीछे खड़े उनके मंत्री अशोक चौधरी ने मामला भांप लिया, लेकिन उनकी भी काबिलियत उजागर हो गई। उन्होंने नीतीश के कान में फुसफुसा कर बताया कि चंद्रयान-2 की लांचिंग हुई है। उसी के बारे में लोग पूछ रहे हैं। तब नीतीश को समझ में आया। कितना समझ पाए, यह उनके जवाब से ही पता चल गया। उन्होंने कहा कि यह सब होते ही रहता है। अच्छी बात है। जिस चंद्रयान की सफल लांचिंग पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी थीं, उसके बारे में नीतीश का अनभिज्ञ रहना साबित करता है कि अब वे कुछ जानना-समझना नहीं चाहते या उन्होंने जानना-समझना छोड़ दिया है। यह भी हो सकता है कि बातें उनके दिमाग से उतरने लगी हों।
बक्सर में लाठी चार्ज पर भी चौंके थे नीतीश
बक्सर थर्मल पावर प्लांट में स्थानीय लोगों ने उत्पात मचाया। पुलिस बुलानी पड़ी। इस घटना के बारे में जब उनसे पूछा गया तो वे पत्रकारों से ही पूछने लगे- क्या हुआ है, कहां हुआ है। लोगों को सबसे अधिक अचरज तो उस दिन हुआ, जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचिरत मानस को लेकर विवादित बयान दिया था। इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया जानने की पत्रकारों ने कोशिश की तो उन्होंने सीधे जवाब दिया कि उन्हें इस बारे में नहीं पता है। क्या कहा है चंद्रशेखर ने ? हालांकि बाद में मामले ने तूल पकड़ा तो कैबिनेट मीटिंग के दौरान उन्होंने चंद्रशेखर से कहा कि क्या-क्या बोलते रहते हैं। चंद्रशेखर ने तब कोई जवाब नहीं दिया था।
मीडिया बायकॉट का भी नीतीश को पता नहीं
नीतीश का अब हर अंदाज चौंकाता है। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की समन्वय समिति की बैठक दिल्ली में हुई। समिति में आरजेडी से तेजस्वी यादव शामिल हुए तो जेडीयू से मंत्री संजय झा ने प्रतिनिधित्व किया। बैठक में यह फैसला हुआ कि 14 टीवी एंकरों का इंडी अलायंस बायकाट करेगा। नामों की सूची जारी हो गई तो अखबारों से लेकर सोशल मीडिया तक पर यह खबर तैरने लगी। अगले दिन पत्रकारों ने नीतीश से इस बारे में पूछा तो उनका जवाब था- हमें नहीं पता। हम तो मीडिया की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं।
पटना में लाठी चार्ज की भी जानकारी नहीं थी
शिक्षक अभ्यर्थी पटना में प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस पर अपना कमेंट दिया। नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने पूछा तो वे साथ खड़े अफसरों की ओर मुखातिब होकर पूछने लगे- कहां हुआ है ? लाठी चार्ज हुआ है ? पटना में लाठी चार्ज हुआ है ? हमें तो पता नहीं। उनके इस बयान से लोगों को आश्चर्य इसलिए हुआ कि वे सीएम के साथ राज्य के गृह मंत्री भी हैं। उन्हें या तो अफसर इसकी जानकारी नहीं देते या वे सच में भूलने लगे हैं।
तेजस्वी का बांह खींचा, चौधरी की गर्दन पकड़ी
दो दिलचस्प वाकया ताजातरीन हैं। मुख्यमंत्री ने मारिशस के भूतपूर्व पीएम शिवसागर राम गुलाम की प्रतिमा पटना में लगवाई है। मंगलवार को वे वहां उन्हें श्रदांजलि देने पहुंचे थे। मीडिया ने मौका निकाल कर विपक्षी गठबंधन में खींचतान को लेकर सवाल किया तो बगल में खड़े तेजस्वी यादव का बांह खींच कर उन्होंने यह कहते हुए सामने कर दिया कि ये ही बताएंगे। फिर तेजस्वी ने कहा कि सब ठीक है। कहीं कोई गड़बड़ नहीं है। तिलक लगाए एक पत्रकार ने जब कुछ पूछना चाहा तो नीतीश ने पीछे खड़े मंत्री अशोक चौधरी को गर्दन में हाथ डाल कर आगे कर दिया। पहले तो चौधरी कुछ समझ नहीं पाए। बाद में में उन्हें एहसास हुआ कि वे भी तिलक लगाते हैं। इसलिए सीएम ने उन्हें इस तरह उस मीडिया मैन को जवाब देने के लिए उन्हें आगे किया।