दारू सिंडिकेट पर कब्जा के लिए ₹60 लाख की सुपारी, शूटर का ‘राज’ जान हिल जाएंगे नीतीश-तेजस्वी और भट्टी

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समस्तीपुर: बिहार में शराबबंदी है। इसके बावजूद हर जगह शराब मिल रही है। शराब के अवैध धंधे से इतनी कमाई हो रही है कि दारू सिंडिकेट पर कब्जा के लिए 60 लाख रुपये की सुपारी दी जा रही है। बताया जा रहा है कि सिर्फ एक प्रखंड पर कब्जा के लिए इतने रुपये की सुपारी दी गई थी। जबकि पूरे बिहार में 534 ब्लॉक है। जानकारी के अनुसार, आरजेडी के एक नेता ने अपने प्रतिद्वंदी तस्कर की कोर्ट में हत्या के लिए 60 लाख रुपये की सुपारी दी थी। पूरा मामला बिहार के समस्तीपुर का है। दरअसल, बिहार में जब नीतीश कुमार ने शराबबंदी की थी, उस वक्त सरकार को सालाना 4000 करोड़ रुपये की कमाई होती थी। नीतीश कुमार ने इस कमाई को तिलांजलि देकर बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया था। अब उसी बिहार में माफिया शराब बेचकर कोरड़पति बनकर बैठे हैं।

मिलीभगत की कॉकटेल की कहानी हैरान करने वाली है
बिहार समस्तीपुर जिले से मिलीभगत की कॉकटेल की ऐसी कहानी सामने आई है, जिसे जानकर सरकार के साथ-साथ जनता भी हिल जाएगी। नीतीश कुमार सोचने पर मजबूत हो जाएंगे कि शराबबंदी से किसको फायदा है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और डीजीपी आरएस भट्टी शर्मिंदा हो जाएंगे। दरअसल, 25 अगस्त को समस्तीपुर कोर्ट में फायरिंग हुई थी। जेल में बंद शराब माफिया प्रभात चौधरी और उसके साथ प्रशांत तिवारी पर शूटरों ने गोलियां बरसा दी थी। दोनों को गोली लगी थी, लेकिन जान बच गई। इस मामले में पुलिस ने झारखंड की राजधानी रांची से दो शूटरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शूटरों ने जो कहानी सुनाई, उससे पुलिस के होश उड़ गए।

अवैध धंधे पर वर्चस्व की लड़ाई
शूटरों के अनुसार, प्रभात चौधरी को मारने के लिए कल्याणपुर प्रखंड के पूर्व आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व मुखिया रामबाबू राय ने सुपारी दी थी। शूटरों ने बताया कि रामबाबू राय इलाके का बड़ा शराब माफिया है। प्रभात चौधरी उसका धंधा खराब कर रहा था। पुलिस को दिए गए बयान में शूटर्स ने बताया कि ₹60 लाख में हत्या करने का सौदा तय हुआ था। 12 लाख रुपये एडवांस दिए गए थे। यही नहीं, पूछताछ ये भी पता चला कि रामबाबू राय को शराब का धंधा चलाने में जिले के दो थानेदार मदद कर रहे थे।

दो थानेदार सस्पेंड
एसपी विनय तिवारी ने शूटर्स के बयान और जांच के बाद कल्याणपुर और चकमहेसी थाना के थानेदार गौतम कुमार और चंद्रकिशोर टुड्डी को सस्पेंड कर दिया। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। एसपी ने बताया कि कल्याणपुर प्रखंड में शरंबा के धंधा पर एक छत्र राज की लड़ाई चल रही थी। रामबाबू राय के गुर्गों ने लगातार 17 दिनों तक उसकी हत्या की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। 25 जुलाई से 10 अगस्त तक प्रभात को मारने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद रामबाबू राय ने झारखंड के शूटर्स से संपर्क किया।

शराबबंदी में भी बिक रहा दारू
पुलिस ने इस केस को क्रैक कर साफ कर दिया कि बिहार में शराबबंदी के बाद भी दारू बिक रहा है। नेता, पुलिस और माफिया मिलकर शराब मंगवा रहे हैं और बेच रहे हैं। ऐसे नहीं है कि इसमें किसी एक दल के नेता शामिल हैं। कुछ दिन पहले गोपालगंज में बीजेपी विधायक का देवर शराब की खेप के साथ गिरफ्तार हुआ था। ऐसे में कहा जा सकता है कि राजनीति संरक्षण ना हो तो लोकल नेता पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर बाहर से शराब मंगा रहा है और बेच रहा है। यही कारण है कि शराबबंदी के सात साल बाद भी बिहार में हर दिन शराब, शराबी और माफिया पकड़ाते रहते हैं।

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