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    SIT ने HC को सौंपी हनीट्रैप की जांच रिपोर्ट, 6 बड़े अधिकारी और 1 नेता का नाम

    Aug 9, 2020

    Bhopal. एमपी में चर्चित हनीट्रैप कांड की एक जांच रिपोर्ट एसआईटी ने बंद लिफाफे में हाई कोर्ट को सौंपी है। इस मामले की सुनवाई एमपी हाई कोर्ट के इंदौर बेंच कर रही है। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान कुछ अधिकारी और एक नेता के नाम लिए हैं। इसके बाद फिर से एमपी के सियासी गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है। 6 अगस्त को एक सीलबंद लिफाफे में एसआईटी ने हाई कोर्ट के इंदौर बेंच को जांच रिपोर्ट सौंपी है।

    दरअसल, हाई कोर्ट के इंदौर बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा था कि जांच के दौरान एसआईटी ने ‘पिक एंड चूज’ पद्धति को अपनाया है। इस मामले में अभियुक्तों और गवाहों के बयान का वीडियोग्राफी नहीं किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सूची में 44 लोगों के नाम हैं। उनमें एक वरिष्ठ राज नेता और 6 सीनियर अधिकारी है। इनके नाम कथित तौर पर आरोपियों ने जांच के दौरान लिए हैं।

    सीबीआई जांच को लेकर याचिका

    हनीट्रैप मामले में जांच के लिए सरकार ने एसआईटी गठित की थी। इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने को लेकर इंदौर खंडपीठ में एक याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने एसआईटी से स्टेट्स रिपोर्ट के साथ ही अब तक की जांच में आए नामों की सूची मांगी थी।

    याचिकाकर्ता का आरोप है कि एसआईटी ने इस मामले में सही से जांच नहीं की है। आरोपियों के संबंधों को लेकर जांच नहीं हुई है। इसके साथ ही कॉल डिटेल की भी जांच नहीं हुई है। साथ ही सीडीआर को सुरक्षित रखा गया है। उसने दावा किया है कि हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला में भी जांच के लिए सभी सामाग्री प्रस्तुत नहीं किए गए थे।

    पेन ड्राइव का जिक्र नहीं

    कोर्ट से याचिकाकर्ता ने कहा कि कई अभियुक्तों के नाम जांच में नहीं है। इंदौर के हरभजन सिंह की शिकायत पर इस रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। उन्होंने पुलिस को एक पेन ड्राइव भी दिए थे। लेकिन उसकी कोई जांच नहीं हुई। एसआईटी ने चार्जशीट में उस पेन ड्राइव का कोई जिक्र नहीं किया है।

    हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

    कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी से डिटेल रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में संलिप्त सभी लोगों के नाम और बयान फिर से प्रस्तुत करें। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि एसआईटी चीफ इस मामले में को लेकर पहले दिन से लेकर अभी तक हुई जांच के विस्तृत रिपोर्ट सौंपे। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।

    क्या है मामला

    दरअसल, सितंबर 2019 में एमपी में हनी ट्रैप कांड का खुलासा हुआ था। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर 5 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था। ये महिलाएं राज नेताओं और अधिकारियों को ब्लैकमेल करती थीं। इसके बाद जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। 3 बार एसआईटी के प्रमुख भी बदले गए हैं। हनीट्रैप मामले में जांच के दौरान 4000 फाइलें लैपटॉप से मिली थीं, जिनमें सेक्स चैट के स्क्रीनशॉट, ऑडियो और वीडियो क्लिप थे। गिरोह में शामिल लोगों ने इस आधार पर कई लोगों को ब्लैकमेल किया था।