Guru Purnima: आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. यह दिन गुरु पूजन के लिए निर्धारित है. गुरु पूर्णिमा के अवसर शिष्य अपने गुरुओं की पूजा अर्चना करते हैं. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास की जयंती के रूप मे भी मनाया जाता है.
हिंदू धर्म में गुरुओं को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है. यहां तक कि गुरुओं को भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त हैं क्योंकि गुरु ही हमें अज्ञानता के अंधेरे से सही मार्क की ओर ले जाता है. इस वजह से देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जाता है.
आज गुरु पूर्णिमा है और आज के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है. अंधकार या मूल अज्ञान और रु का अर्थ किया गया है. उसका निरोधक. गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है. अर्थात अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को गुरु कहा जाता है.
गुरु पूर्णिमा 2020 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- गुरु पूर्णिमा रविवार, 5 जुलाई 2020
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ, 4 जुलाई 2020 को 11.33 AM से
- पूर्णिमा तिथि समाप्त 5 जुलाई 2020 को 10.13 AM तक
गुरु पूर्णिमा का महत्व
भारत ऋषियों और मुनियों का देश है, जहां पर इनकी उतनी ही पूजा होती है जितना भगवान की. महर्षि वेद व्यास प्रथम विद्वान थे, जिन्होंने सनातन धर्म के चारों वेदों की व्याख्या की थी. साथ ही सिख धर्म केवल एक ईश्वर और अपने दस गुरुओं की वाणी को ही जीवन का वास्तविक सत्य मानता आ रहा है.