Shani Sade Sati And Shani Dhaiya: 23 मई 2021 रविवार को वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को शनि वक्री होने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि के वक्री होने को एक महत्वपूर्ण घटना के तौर पर देखा जाता है. शनि वक्री होने से सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा.
शनि वक्री कब हों रहे हैं?
पंचांग के अनुसार शनि 23 मई 2021 रविवार को दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर मकर राशि में वक्री हो रहे हैं. 11 अक्टूबर 2021 सोमवार को प्रात: 7 बजकर 44 मिनट पर शनि मकर राशि में मार्गी होंगे.
141 दिनों तक शनि उल्टी चाल चलेंगे
शनि देव जब वक्री होते हैं तो ज्योतिष शास्त्र में इसका फल शुभ नहीं माना जाता है. इस बार शनि 141 दिनों के लिए वक्री हो रहे हैं. जिस राशि में शनि वक्री हो रहे हैं उस पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. वर्तमान समय में शनि मकर राशि में है और इसी राशि में वक्री हो रहे हैं. इसके साथ ही शनि वर्तमान समय में श्रवण नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं.
शनि बढ़ा सकते हैं पीड़ा
शनि वक्रे च दुर्भिक्षं रूण्डमुण्डा च मेदिनी और शनि वक्रे जने पीड़ा।
इस श्लोक का ज्योतिष शास्त्र में वर्णन मिलता है. इसका अर्थ है कि शनि जब वक्री अवस्था में आते हैं तो दुर्भिक्ष फैलता है और प्रजाजन को रोग और पीड़ा होती है. इसलिए शनि का वक्री होना शुभ नहीं माना जा रहा है.
इन 5 राशियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
शनि की साढे़साती धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर है. इसके साथ ही मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. इसलिए इन राशियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके अतिरिक्त जिन राशियों पर शनि की महादशा, अंर्तदशा की स्थिति बनी हुई है वे भी सतर्कता बरतें.
शनि के उपाय
शनि देव की अशुभता को दूर करने के लिए इन मंत्रों का जप करें और शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल चढ़ाएं.
– ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
– ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:
– ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: