Indore. राजनीतिक मुद्दों पर भी बेतकल्लुफी से अपनी राय रखने वाले मशहूर शायर राहत इंदौरी का एक शेर पूरे देश में आंदोलन का पोस्टर बन गया था। सभी का खून है यहां की मिट्टी में शामिल, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है- राहत साहब के इस शेर ने देश भर में CAA-NRC के विरोध में चल रहे आंदोलन को हवा दी थी। आंदोलनकारी उनके शेर के पोस्टर बनाकर अपना विरोध जताते थे।
केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल सिटिजन रजिस्टर का ऐलान किया तो पूरे देश में इसके विरोध में आवाजें उठने लगीं। लोग अपने-अपने तरीकों से इसका विरोध कर रहे थे। इसी दौरान राहत इंदौरी का यह शेर भी आंदोलनकारियों के बीच खूब लोकप्रिय हुआ।
इस कानून के खिलाफ आंदोलन के दौरान राहत इंदौरी ने खुलकर अपनी राय रखी थी। उन्होंने शेर के जरिए कहा था कि इस इस देश की मिट्टी में सबका खून शामिल है। हिंदुस्तान किसी एक धर्म या समुदाय के लिए नहीं है। उनका यह शेर आंदोलनकारियों की जुबान पर चढ़ गया और आंदोलन का प्रतीक बन कर रह गया।
कुछ दिनों बाद राहत इंदौरी ने इस पर अपनी खुशी भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह शेर हर उस हिंदुस्तानी के लिए है जो अपने देश के लिए जान देने की हिम्मत रखता है। उन्होंने कहा था कि लोग इस शेर के जरिये अपनी बात सामने रख रहे हैं, यह सबसे ज्यादा खुशी की बात है।