New Delhi. राज्यसभा में हंगामे के बीच रविवार को कृषि से जुड़े दो विधेयक पास हो गए. हालांकि इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. कृषि विधेयक के खिलाफ 12 राजनीतिक पार्टियां एकजुट हो गई हैं और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है.
लोकतंत्र का काला दिन
कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने कहा कि आज का दिन लोकतंत्र का काला दिन है. जिस तरह से बिल को पास कराया गया है, वह अलोकतांत्रिक है. 12 राजनीतिक पार्टियां राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगी.
This day will go down in history as 'black day'. The way these bills have been passed goes against democratic processes & amounts to killing democracy. 12 Opposition parties have moved a no-confidence motion against Rajya Sabha Dy chairman: Congress MP Ahmed Patel pic.twitter.com/OKVSB97VNr
— ANI (@ANI) September 20, 2020
कौन से बिल पास हुए
राज्यसभा में रविवार को केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े दो बिल फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स ( प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ) बिल और फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन ) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस बिल ध्वनिमत से पास करा लिया. अब राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून बन जाएंगे.
विपक्ष का हंगामा
विधेयक पर चर्चा और वोटिंग के दौरान जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के वेल में जाकर जमकर नारेबाजी की. तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने उपसभापति हरिवंश का माइक तोड़ने की कोशिश की. उन्होंने सदन की रूल बुक फाड़ दी. सदन की कार्यवाही जारी रखने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा. हालांकि वोटिंग प्रक्रिया में भी जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के बीच ही विधेयकों को सरकार ने पास करा लिया.
He (Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh) should safeguard the democratic traditions but instead, his attitude today harmed the democratic traditions & processes. So we have decided to move a no-confidence motion against him: Congress Rajya Sabha MP Ahmed Patel https://t.co/IENdJnrSLb pic.twitter.com/CZLtKwAbgl
— ANI (@ANI) September 20, 2020
किसानों की जिंदगी बदल जाएगी
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन के पटल पर विधेयक रखते हुए कहा कि दोनों बिल ऐतिहासिक हैं, इनसे किसानों की जिंदगी बदल जाएगी. किसान देशभर में कहीं भी अपना अनाज बेच सकेंगे. मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि बिलों का संबंध न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) से नहीं है.