केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बताया है कि राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार सिडिंग के दौरान 3 करोड़ राशनकार्ड फर्जी पाए गए जिन्हें रद्द किया गया है। बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब योजना के तहत जून तक तीन महीने के लिए प्रत्येक राशनकार्ड धारक को मुफ्त एक किलो दाल वितरित करने का फैसला किया है।
क्यों रद्द हुए राशन कार्ड
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आधार और राशन कार्ड लिंकिंग जरूरी हैण् इसीलिए राशन कार्ड रद्द हुए हैं। इसके अलावा फर्जी राशन कार्ड भी बनाकर सरकार की स्कीम से मुफ्त में अनाज और अन्य सामान लिया जा रहा था। ये राशन कार्ड भी रद्द कर दिए गए हैं।
राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार सिडिंग के दौरान 3 करोड़ राशनकार्ड फर्जी पाए गए जिन्हें रद्द किया गया है। मैंने इस संबंध में सचिव,खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे पता लगाएं कि रद्द हुए राशनकार्ड के स्थान पर नये कार्ड जारी हुए हैं या नहीं4/6 @narendramodi pic.twitter.com/uYvPtRDkRv
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) May 8, 2020
देश में कुल 80 करोड़ लोगों के पास राशन कार्ड हैं। इस पहल को मोटे तौर पर कई प्रवासी लाभार्थियों जैसे कि मजदूरों, दैनिक मजदूरों, ब्लू-कॉलर श्रमिकों आदि के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जो देश भर में रोजगार की तलाश में अक्सर अपना निवास स्थान बदलते हैं।
अब क्या करें
राशन कार्ड कैंसिल होने पर आपको खाद्य आपूर्ति विभाग में जाकर इसकी जानकारी लेनी होगी। वहां अपना राशन कार्ड और आधार कार्ड दिखाएं। आधार नंबर को राशन कार्ड से लिंक किया जाएगा। इसके बाद आपका नया राशन कार्ड बनेगा, पुराना जारी नहीं होगा।
देश में कहीं से भी अपने हिस्से का राशन प्राप्त करने की योजना, #वन_नेशन_वन_राशन_कार्ड के तहत 1 जनवरी को 12 राज्य और 30 अप्रैल को 5 और राज्य के साथ कुल 17 राज्य आपस में जुड़ चुके हैं। 1 जून तक ओडिशा, मिजोरम और नागालैंड सहित 20 राज्यों को जोड़ने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। 2/6 pic.twitter.com/JB3w2WBjZM
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) May 8, 2020
1 जून से शुरू हो रही है नई स्कीम
गौरतलब है कि सरकार 1 जून 2020 से ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ योजना को लागू कर देगीण। इसके जरिए पुराने और नए राशन कार्डधारक देश में किसी भी राशन की दुकान से कहीं भी राशन खरीद सकेंगे। केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने हाल में इसकी घोषणा की है। इसे राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी कहा जा रहा है।