New Delhi: गलवान घाटी में जारी सीमा विवाद के बीच मोदी सरकार ने अपने सबसे ‘कूटनीतिक हथियार’ NSA अजीत डोभाल को मोर्चे पर लगा दिया है, जिसका असर भी अब सीमा दिखने लगा है.
जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रविवार को चीनी समकक्ष वांय यी के साथ करीब दो घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की थी. जिसका असर सोमवार से दिखने लगा और चीनी सेना गलवान घाटी से एक से दो किमी पीछे हट गई.
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से सीमा विवाद चल रहा है. इसे सुलझाने के लिए दोनों देशों की ओर से लगातार बैठके चल हो रही है. इसके लिए प्रतिनिधि भी तय किए गए हैं. भारत की ओर अजीत डोभाल स्थाई प्रतिनिधि हैं.
बताया जा रहा है कि रविवार को अजित डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री और अपने समकक्ष से बॉर्डर पर शांति को लेकर बात की. इस दौरान दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं ना हो, साथ सीमा से फेज वाइज सेना को पीछे हटने पर सहमति बनी.
जानकारी के अनुसार, बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को मंजूरी बनी है. बॉर्डर पर जारी सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में आगे भी बात होती रहेगी. यही कारण है कि सोमवार से चीनी सेना गलवान घाटी से अपने टेंट समेटने शुरू कर दिए. बताया जा रहा है कि चीनी सेना करीब एक-दो किमी तक पीछे हट गई है.