New Delhi. मंगलवार को लोकसभा में संसद सदस्यों की वेतन, भत्ता और पेंशन विधेयक 2020 पास हो गया. इस विधेयक के तहत एक साल तक संसदों की सैलरी 30 फीसदी कटकर मिलेगी. इस विधेयक का अधिकतर सांसदों ने समर्थन किया, लेकिन कुछ सांसदों का कहना था कि सांसद फंड में कटौती ना किया जाए.
Lok Sabha passes the Salary, Allowances and Pension of Members of Parliament (Amendment) Bill, 2020
— ANI (@ANI) September 15, 2020
चर्चा के दौरान महाराष्ट्र के अमरावती के सांसद समेत कई सांसदों का कहना था कि केन्द्र सरकार चाहे तो हमारी पूरी सैलरी ले ले, लेकिन एमपी फंड पूरा मिलना चाहिए. वहीं टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि आप पूरा वेतन ले लो, लेकिन एमपी लैंड्स फंड पूरा दीजिए. इनका कहना है कि हम इसी के सहारे क्षेत्र में काम करते हैं.
Please take our (MPs) salaries, but please do not cut MPLADS funds (Members of Parliament Local Area Development) meant for development works: Navneet Ravi Rana, Independent MP from Amravati, Maharashtra, in Lok Sabha
(file pic) pic.twitter.com/IOV7WlSSGG— ANI (@ANI) September 15, 2020
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण केंद्रीय कैबिनेट ने अप्रैल माह में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी कटौती करने का फैसला किया था और कहा था कि यह कटौती एक साल तक होगी. इसके अलावे एमपी लैंड्स फंड पर भी दो साल तक अस्थाई रोक रहेगी.
हालांकि सरकार के इस फैसले का काफी विरोध हुआ था. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि सरकार को अपने इस फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा था कि वेतन कटौती का फैसला स्वागत योग्य है लेकिन एमपी लैड्स फंड पर एक बार सरकार को विचार करना चाहिए.