New Delhi: नेपाल की संसद ने शनिवार को संविधान संशोधन बिल पास कर दिया है. यह नक्शा दो तिहाई बहुमत से पास हुआ है. नेपाल की संसद में पास हुआ ये नक्शा विवादित है, जिसमें भारत के तीन इलाके लिंपियाधुरा, कालापानी, और लिपुलेखा को शामिल किया गया है.
गौरतलब है कि भारत ने 20 मई को इस नक्शे को खारिज कर दिया था, वहीं 11 जून को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराख श्रीवास्तव ने इससे जुड़े सभी सवालों और कठमांडू से किसी भी प्रकार की बातचीत को दरकिनार करते हुए कहा था कि हम पहले ही अपनी स्थिति साफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि नेपाल के साथ सभ्यता, सांस्कृतिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों का हवाला दिया था.
अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा
संसद से विधेयक पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा. गौरतलब है कि 9 जून को आम सहमति से इस विधेयक के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई थी, इसके बाद शनिवार को इसे पास कर दिया गया.
क्यों शुरू हुआ विवाद
दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब लिपुलेखा से कैलाश मानसरोवर जाने वाले रास्ते का उद्घाटन किया , तभी से नेपाल इसका विरोध किया था. इसके बाद नेपाल ने 18 मई को नए नक्शा जारी कर दिया.