पटना: बात चाहे पटना में जलजमाव का हो या कोरोना के कहर का. पप्पू यादव हमेशा लोगों की मदद करते दिख जाते हैं. एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के कारण नेता, मंत्री, अधिकारी घर में कैद हो गए हैं तो वहीं, इस संकट की घड़ी में पप्पू यादव फ्रंटलाइन वर्कर्स से भी ज्यादा फ्रंट पर दिख रहे हैं. कभी वे अस्पताल में तो कभी श्मशान में नजर आ रहे हैं. ऐसा लगता है कि वे पूरी तरह जनता के लिए समर्पित हैं.
ये पहली दफा नहीं है जब पप्पू यादव फ्रंट लाइन पर दिख रहे हैं. पटना जल त्रासदी में पप्पू यादव लोगों के लिए मसीहा बन गए थे. पटना जलजमाव में जहां एक ओर बिहार सरकार पूरी तरह फेल साबित हो रही थी. वहीं, दूसरी ओर पप्पू यादव लोगों के घर तक राहत साम्रगी पहुंचा रहे थे और अब कोरोना काल में लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं.
पटना दीघा घाट स्थित श्मशान में अभी 48 शव का दाह संस्कार हो रहा था। यहां ऐसे करीब आधा दर्जन श्मशान हैं, कब्रिस्तान अलग।
पर सरकार कह रही है कि कल कोरोना से पूरे बिहार में मात्र 89 लोगों की मृत्यु हुई है। मौत के आंकड़े में भी घोटाला!
वहीं हर किसी से 10 से 25 हज़ार वसूला जा रहा है। pic.twitter.com/fAgoSdq9Td
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) April 30, 2021
पप्पू यादव पटना में रहकर प्रतिदिन अस्पताल और श्मशान का दौरा कर रहे हैं. अस्पताल दर अस्पताल जाकर लोगों की खैरियत भी ले रहे हैं और उनकी मदद भी कर रहे हैं. आर्थिक मदद से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक मुहैया करा रहे हैं. इस दौरान वो सरकार की नाकामियों की पोल भी खोल रहे हैं.
शनिवार को पप्पू यादव बांस घाट के विद्युत शवदाह गृह पहुंच गए और जान जोखिम में डाल कोरोना संक्रमित लाशों की गिनती करने लगे. पप्पू यादव के मुताबिक इस शवदाह गृह में 64 शव रखे गए हैं, जिनका अंतिम संस्कार विद्युत वाले शवदाह गृह में होना है.
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि जब उन्होंने श्मशान में जलने वाले संक्रमित मरीजों के आंकड़ों के बारे में पता किया तो औसतन दर 60 से 70 रही. लेकिन शमशान घाटों के सरकारी आंकड़े 22 से 25 लोगों की कोरोना से मौत होने की पुष्टि करता है. सरकार ने श्मशान को सजा रखा है. अस्पतालों में डॉक्टर के बदले जल्लाद बैठे हैं और खुद सरकारी महकमों के बाबू एसी वाले कमरे में आराम फरमा रहे हैं.