New Delhi. कोरोना वायरस को लेकर पीएम मोदी ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की. पीएम मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की.
Effective messaging is also necessary because most #COVID19 infections are without symptoms. In such a situation, rumours may rise. It might raise doubts in the minds of the people that testing is bad. Some people also make mistake of underestimating the severity of infection: PM https://t.co/XaJbSnfXMo
— ANI (@ANI) September 23, 2020
दरअसल, कोरोना वायरस के 63 फीसदी एक्टीव केस इन्ही 7 राज्यों में है. बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी, कर्नाटक के येदियुरप्पा समेत अन्य मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए. इसी मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ भी मौजूद रहे.
#WATCH It is difficult to make wearing masks a habit, but we will not be able to get the desired results if we don't make it a part of our daily life, says PM Modi in a meeting with Chief Ministers of seven states pic.twitter.com/V9m7KAzRgG
— ANI (@ANI) September 23, 2020
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, देश में कोरोना के कुल मामलों का लगभग 65 फीसदी और मृत्यु के 77 फीसदी मामले इन्हीं राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से है. यही नहीं, इन्हीं राज्यों में तेजी से कुल मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही नहीं, इन राज्यों में मृत्यु दर 2 फीसदी से अधिक है.
PM Narendra Modi chairs a high-level virtual meeting with Chief Ministers & Health Ministers of seven #COVID19 high burden States/UT to review COVID response and management.
These States/UT are Maharashtra, Andhra Pradesh, Karnataka, Uttar Pradesh, Tamil Nadu, Delhi, & Punjab. pic.twitter.com/bqd1CZhEAA
— ANI (@ANI) September 23, 2020
पीएम मोदी ने बैठक में क्या कहा
- संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है. संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है.
- भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है. ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयां आसानी से पहुंचे, हमें मिलकर ही ये देखना होगा.
- प्रभावी मैसेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है. ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं. सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है. यही नहीं कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं.
- प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा.
- 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें.
- बीते महीनों में कोरोना इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया है, वो हमें कोरोना से मुकाबले में बहुत मदद कर रही है. अब हमें कोरोना से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना है, जो हमारा हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है.