Ranchi: भारत-चीन की सीमा पर झारखंड के साहेबगंज की लाल जवान कुंदन औझा शहीद हो गए. शहादत की खबर गांव पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया. वहीं शहीद के पिता रविशंखकर ओझा के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
17 दिन पहले बने थे पिता
शहीद कुंदन औझा 17 दिन पहले ही पिता बने थे. घर में खुशी का माहौल था. 15 दिन पहले कुंदन ने फोन पर घरवालों से बात की थी और जल्द ही घर आने की बात कही थी. शहीद कुंदन ओझा 5 माह पहले घर आए थे.
पत्नी से वादा- बेटी को देखने जल्द आऊंगा
शहीद कुंदन की शादी बिहार के सुल्तानगंज के नीरहटी गांव की नेहा के साथ हुई थी. 17 दिन पहले ही शहीद कुंदन की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया था. बेटी के जन्म की सूचना मिलने पर कुंदन ने परिजनों से बात की थी और अपनी पत्नी से वादा करते हुए कहा था कि बेटी को देखने जल्द घर आऊंगा.
तीन भाई और एक बहन में दूसरे नंबर पर थे शहीद कुंदन
परिवार में तीन भाई और एक बहन में कुंदन दूसरे नंबर पर थे. कुंदन ने 2010-11 में बिहार रेजिमेंट ज्वाइन की थी और इस वक्त कुंदन को देश की सीमा पर ड्यूटी में तैनात किया गया था. सोमवार को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में वो शहीद हो गए.
रो-रोकर माता-पिता का बुरा हाल
कुंदन ओझा की शहादत की खबर सुनते ही पिता रविशंकर ओझा के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. दूसरी तरफ शहीद की पत्नी नेहा के रुदन से पूरे घर का माहौल गमगीन है. वहीं, घर में शहीद की मां भवानी देवी भी अपने लाल को खो देने से सदमे में है और कुछ बोल नहीं रही है, सिर्फ रो रही हैं.