Jyestha Shukla Paksha : हिंदू पंचांग के तीसरे महीने का नाम ज्येष्ठ है। 20 मई से ज्येष्ठ मास का शुक्ल पक्ष आरंभ हो जाएगा, जो 3 जून तक रहेगा। (Jyestha Shukla Paksha 2023) ज्योतिष शास्त्र में शुक्ल पक्ष को बहुत ही खास माना गया है, इसे पितरों का दिन कहा जाता है। शुभ कार्यों के लिए ये बहुत ही खास है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में कई विशेष व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। आगे जानिए इन व्रत-त्योहारों की जानकारी…
23 मई को अंगारक चतुर्थी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस मंगलवार को चतुर्थी तिथि का संयोग बनता है, उसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये संयोग 23 मई, मंगलवार को बन रहा है। इस दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी रहेगी। अंगारक चतुर्थी के संयोग में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ मंगलदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
29 मई को महेश नवमी
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी कहते हैं। इस बार ये तिथि 29 मई, सोमवार को है। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर माहेश्वरी समाज का उदय हुआ था। इसलिए ये पर्व माहेश्वरी समाज द्वारा बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। सोमवार को महेश नवमी का पर्व होने से ये तिथि और भी खास हो गई है।
30 मई को गंगा दशहरा
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 30 मई, मंगलवार को है। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर देवनदी गंगा धरती पर आई थी। इस दिन गंगा नदी के तटों पर विशेष पूजा आदि की जाती है। इस दिन दूर-दूर से भक्त गंगा स्नान और पूजा के लिए जाते हैं।
31 मई को निर्जला एकादशी व गायत्री जयंती
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी और गायत्री जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 31 मई, बुधवार को है। निर्जला एकादशी को साल की सबसे बड़ी एकादशी कहते हैं वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर वेदमाता गायत्री उत्पन्न हुई थीं।
3 जून को दक्षिणी वट पूर्णिमा व्रत
ज्येष्ठ मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि दक्षिण भारत में वट सावित्री व्रत किया जाता है। ये तिथि 3 जून को है। इस व्रत के दौरान महिलाएं वट वृक्ष, शिव-पार्वती, ब्रह्मा-सावित्री, सत्यवान-सावित्री और यमराज की पूजा करती हैं। मान्यता है कि ये व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और दुख दूर होते हैं।